View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 633 | Date: 11-Mar-19941994-03-111994-03-11कब से खड़ी थी मैं प्रभु तेरे इंतजार में राह ताकती हुईSant Sri Apla Mahttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=kaba-se-khadai-thi-maim-prabhu-tere-intajara-mem-raha-takati-huiकब से खड़ी थी मैं प्रभु तेरे इंतजार में राह ताकती हुई,
खड़े-खड़े बीत गए कई जन्म तेरे दर्शन के वास्ते।
आई घड़ी जब दीदार की, ना ये उम्मीद थी मुझे अपनेआप से,
छवि तेरी आँखों से यूँ ओझल हो जाएगी, होगा सामने फिर भी, ना मैं तुझे पहचान पाऊँगी।
दिल की आवाज दिल को पहचानेगी, खड़ी थी इस आस में,
दगा दिया दिलने भी, कर दिया इनकार पहचानने से।
बेसहारा अकेली थी, अपने ही आप से ठग गई थी,
आकर तुमने ऐसी आवाज दी, पत्थर दिल में भी प्यास जगी।
सँभाल लिया तुमने मुझे, जगा दिया दिल में प्यार,
ठोक दिया ऐसा तुमने, करवा दी अपनेआप से पहचान।
कब से खड़ी थी मैं प्रभु तेरे इंतजार में राह ताकती हुई