View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 634 | Date: 13-Mar-19941994-03-131994-03-13तू क्यों करे जग की निंदा रे, जग तो अपना काज करें, (2)Sant Sri Apla Mahttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=tu-kyom-kare-jaga-ki-ninda-re-jaga-to-apana-kaja-karemतू क्यों करे जग की निंदा रे, जग तो अपना काज करें, (2)
वक्त तू क्यों अपना बरबाद करे करके जग की निंदा।
समझकर होशियार अपनेआप को, क्यों तू झूठी बात करें,
करके औरों की बुराई जग में, तू अपनी गठरी क्यों मैली करें।
आया है यहाँ मैले कपड़े धोने, ये भूलकर तू क्यों काले अपने हाथ करें,
करके बीते समय की बात, आनेवाला पल क्यों बरबाद करें।
कर नही सकता है और कुछ, तो कुछ नही, अपना जतन तू आप कर,
करके निंदा औरों की, ना तू किसीसे फरियाद कर।
हारा हुआ है तू, थका हुआ है तू, बंदे शक्ति अपनी इस तरह ना बरबाद कर,
करना चाहता है तू, तो अपनेआप से बात कर।
तू क्यों करे जग की निंदा रे, जग तो अपना काज करें, (2)