View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 3328 | Date: 23-Mar-19991999-03-231999-03-23कहने बैठे जब तुझसे कुछ प्रभु, कुछ कह नहीं पाते हैंSant Sri Apla Mahttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=kahane-baithe-jaba-tujase-kuchha-prabhu-kuchha-kaha-nahim-pate-haimकहने बैठे जब तुझसे कुछ प्रभु, कुछ कह नहीं पाते हैं,
कह कह के कितना भी कहें, पर खतम बात नहीं कर पाते हैं ।
कितना भी कहें तुझसे, फिर भी कुछ ना कुछ रह जाता है,
इसलिए अब हम अपने मुँहसे कुछ बोलना नहीं चाहते है।
कि अपने मनसे ही सबकुछ तुझे कहते रहते है,
ना रह जाये कुछ कहना बाकी, तो अपने मनको तुझ संग जोड़ना चाहते हैं।
अबके जो अहसास है, हम इसे ही मुनासिब मानते हैं,
कि अबकी अपनी आँखोंसे, जो की बातें तुझ संग करना चाहते हैं,
बोल बोल के बहुत की आवाज, ना अब शोर और चाहते हैं,
कुछभी ना रहे बाकी तुझसे, हम सबकुछ तुझे बताना चाहते हैं ।
कहने बैठे जब तुझसे कुछ प्रभु, कुछ कह नहीं पाते हैं