View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 2510 | Date: 20-Jul-19981998-07-201998-07-20के आ गया हूँ तेरे दरपर उम्मीदों का जहाँ लुटानेSant Sri Apla Mahttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=ke-a-gaya-hum-tere-darapara-ummidom-ka-jaham-lutaneके आ गया हूँ तेरे दरपर उम्मीदों का जहाँ लुटाने,
तुझको तुझसे चुराने अपनेआप को तेरे हवाले करने आ गया हूँ।
उम्मीदों की साँस लेकर आया हूँ मैं इस जग में, वह सारी उम्मीदें तेरे हवाले...
कैसे कहु कितनी उम्मीदें है दिल में हमारे, जहाँ गिनती मुमकिन नही है।
अपने दिल की सैकड़ों उम्मीदें तुझपर लुटाने आ गया हूँ, के आ गया...
जी रहा हूँ उम्मीदों के सहारे ले-लेकर, के उम्मीदों का सहारा मैं जी रहा हूँ।
उम्मीदों से भरा है मेरा जीवन, के अपना जीवन तुझपर लुटाने आ गया हूँ।
इन उम्मीदों ने किया है बेचैन मुझे बहुत, करेंगी तुझको भी बेचैन ये बताने आ गया हूँ।
के अब अपनी बेचैनी और बेकरारी की वजह मिटाने आ गया हूँ, के आ गया ...
अब तक जो पीता था सिर्फ मैं और मैं, वह सारे पैमाने तुझे पिलाने आ गया हूँ।
झूमेगा तू या नाखुश होगा पता नही मुझे, पर मैं तेरे पास आ गया हूँ।
के आ गया हूँ तेरे दरपर उम्मीदों का जहाँ लुटाने