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Hymn No. 613 | Date: 25-Jan-19941994-01-251994-01-25खुद ही है खुद से नाराज, नाराजगी कैसे दूर करेSant Sri Apla Mahttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=khuda-hi-hai-khuda-se-naraja-narajagi-kaise-dura-kareखुद ही है खुद से नाराज, नाराजगी कैसे दूर करे,
खोए है अपनी मनमानी में हम, फरियाद इसकी हम किससे करे।
इसकी-उसकी बात नही है, है अपनी ही बात ये, बात हम किससे करे,
प्यार नही है जभी खुद से, अन्य से प्यार कैसे करे।
दुश्मन बने हुए है खुद ही खुद के, दोस्ती किसी ओर से कैसे निभाये,
किया नही है कभी खुद का दीदारे दर्शन, अन्य के दर्शन की आस कैसे करे।
खुद की लगाई आग में खुद जले, दोष इसका हम किसको दे,
हो गई है अपनी आवाज से कुछ नफरत-सी, सदा किसी और की कैसे सुने।
अश्कों से हो गया है प्यार इतना, मुस्कुराना चाहे तो कैसे मुस्कुराए,
भरोसा अपनेआप पर नही, किसी और पर भरोसा कैसे करे ।
खुद ही है खुद से नाराज, नाराजगी कैसे दूर करे