View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 1757 | Date: 16-Sep-19961996-09-161996-09-16किए सारे गुनाह मैंने और इल्जाम तुझपर लगाता रहा हूँSant Sri Apla Mahttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=kie-sare-gunaha-mainne-aura-iljama-tujapara-lagata-raha-humकिए सारे गुनाह मैंने और इल्जाम तुझपर लगाता रहा हूँ,
रहा है तू सदा चुप और चिल्लाता मैं तो रहा हूँ|
निभाई नही है मैंने कभी वफा तेरे संग और तुझको बेवफा कहता रहा हूँ।
भूलकर तेरी समझ को समझना, अपनी नादानीयो को पूजता रहा हूँ,
इसलिए ही शायद आज में इस मोड पर आकर खडा हूँ,
कि तुझसे जुदा ना होते हुए भी तुझसे दूर ही मैं रहा हूँ।
है जो हालत मेरी आज उसके लिए तुझे जिम्मेदार मैं ठहरा रहा हूँ।
करता रहा हूँ जो वर्षों से वही आज तो मैं कर रहा हूँ।
कि अपनाने के लिए मुझे है तू तैयार पर मैं तुझे ठुकराता रहा हूँ|
कैसे पाऊँ पास मैं तुझे कि मैं ही तुझसे सदा दूर ही रहा हूँ|
किए सारे गुनाह मैंने और इल्जाम तुझपर लगाता रहा हूँ