View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 3038 | Date: 09-Dec-19981998-12-091998-12-09कितना सोंचेगे औरों का, आखिर कब तक औरौं में खोना चाहोगेSant Sri Apla Mahttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=kitana-sonchege-aurom-ka-akhira-kaba-taka-auraum-mem-khona-chahogeकितना सोंचेगे औरों का, आखिर कब तक औरौं में खोना चाहोगे,
पता नही कभी छोड़कर औरों को, खुद को अपनाना चाहोंगे ।
राहें जिंदगी में आखिर कब तक भटकते फिरना चाहोंगे,
आखिर कब अपनी भावनाओं को नया मोड़ दोगे ।
जो हो रहा है उसे होने दो, क्यों उसका खयाल करोगे,
करेंगे जैसा व्यवहार, पाएँगे ऐसा ही ये कब याद रखोगे ।
सफाई अपनी देकर, आखिर कब तक मैला दामन साफ करोगे,
छोड़कर सारी बातें, आखिर जीवन जीना कब शुरु करोगे ।
सत्य को समझकर आखिर कब प्रेम से स्वीकार करोगे,
सबकुछ छोड़कर खुदा पर जीना, ऐसा कब व्यवहार करोगे ।
कितना सोंचेगे औरों का, आखिर कब तक औरौं में खोना चाहोगे