View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 2725 | Date: 20-Sep-19981998-09-201998-09-20सोचता हूँ ऐ खुदा तू खामोश कैसे रह पाता हैSant Sri Apla Mahttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=sochata-hum-ai-khuda-tu-khamosha-kaise-raha-pata-haiसोचता हूँ ऐ खुदा तू खामोश कैसे रह पाता है,
नही रोकता कभी तू मुझे अपनी मनमानी से, ना कभी कुछ कहता है ।
ऐसा नही के तुझे कुछ मेरी पड़ी नही, या तू मुझसे रूठा है,
करता है प्यार सबसे ज्यादा फिर भी ना तू कुछ कहता है ।
जीता हूँ जिस तरह तू जीने देता है, ना कोई रोक-टोक करता है,
करना चाहे तो कर सकता है सबकुछ फिर भी कुछ नही करता है ।
अपने हालपर पूरी आजादी से तू मुझे जिने देता है,
तेरे इस व्यवहार से भी ना समझ पाता हूँ मैं कुछ, ना कुछ असर मुझपर होता है ।
छोड़कर खुद की जिंदगी औरों की जिंदगानी में दखलअंदाजी करते रहते है,
तेरी आनंद और मस्ती ना कम होती है, और हम जी जलाए रहते है ।
सोचता हूँ ऐ खुदा तू खामोश कैसे रह पाता है