View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 4129 | Date: 25-May-20012001-05-252001-05-25सूखी हुई धरती पर आकर बरस जाओSant Sri Apla Mahttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=sukhi-hui-dharati-para-akara-barasa-jaoसूखी हुई धरती पर आकर बरस जाओ,
बंधे हुए हैं मेरे दिलके भाव उन्हें मुक्ति दिलाओ,
प्यार तो पनपता है दिल में हमारे,
पर शुष्कता ना जाने कहाँ से आई है ।
अपने प्यार से प्यार हमारा जगे दिलमें हमारे,
प्यार और भक्ति की गंगा बहा जाओ,
आओ प्रगट हो जाओ, ओ प्यार के स्वामी, प्रगट हो जाओ ।
भूल हमारी हम भूले, तुम्हारी गली के माफ करो, के ...
आओ तुम बसंत बनकर हम पर छा जाओ या हमें बुलाओ ।
दर्द को हमारे आज आप जगाओ, के दिल में प्यार बढ़ाओ सूखी .....
सूखी हुई धरती पर आकर बरस जाओ