कभी सही सोचा कभी गलत सोचा,
सोचते सोचते सोच के सागर में डूबते रहे;
हर बार अनजाने किनारे से हम मिलते रहे |
- संत श्री अल्पा माँ
कभी सही सोचा कभी गलत सोचा,
सोचते सोचते सोच के सागर में डूबते रहे;
हर बार अनजाने किनारे से हम मिलते रहे |
- संत श्री अल्पा माँ