मिला जब तू मुझे पाये दीदारे दर्शन तेरे,
तो क्या है अहमियत नज़र की पता उसका चला ।
धड़क रहा है सीने में एक दिल, एहसास उसका तभी हुआ,
सच पूछो तो अपने आप से भी प्यार मुझे तभी हुआ ।
- संत श्री अल्पा माँ
मिला जब तू मुझे पाये दीदारे दर्शन तेरे,
तो क्या है अहमियत नज़र की पता उसका चला ।
धड़क रहा है सीने में एक दिल, एहसास उसका तभी हुआ,
सच पूछो तो अपने आप से भी प्यार मुझे तभी हुआ ।
- संत श्री अल्पा माँ