View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 3325 | Date: 18-Mar-19991999-03-181999-03-18अदृश्य हाथ से अपने जो तू हमें देता है, वो दिखता नहींSant Sri Apla Mahttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=adrishya-hatha-se-apane-jo-tu-hamem-deta-hai-vo-dikhata-nahimअदृश्य हाथ से अपने जो तू हमें देता है, वो दिखता नहीं,
और हमारा दिल तुझे इल्ज़ाम दे दे के, थकता नहीं।
कैसे समझें हम तेरी अदृश्य लीला को, समझ में हमारी कुछ आता नहीं,
देने वाला है तू हरपल हरघड़ी, पर इस यकीन पर यकीन हमारा ज्यादा रहता नहीं।
कैसे करें इरादे बुलंद, कि कदम हमारे आगे बढ़कर भी बढ़ते नहीं,
ऐ खुदा, ना जाने ये तेरा क्या खेल है, जो हमारी समझमें आता नहीं।
अपने आपसे ही थक गये हम, कि अब और लड़ पाते नहीं,
दिल हमारा ना जाने कहाँ अटका है, कि इल्ज़ामों का सिलसिला रूकता नहीं।
प्रभु चाहते हैं कृपा आपकी, बाहर निकालो इस भँवर से, ज्यादा यहाँ रहना चाहते नहीं,
कि कहना चाहते हैं आपसे इतना, कि हम फुरसत में रहना चाहते नहीं,
करते रहें प्यार आपसे कोई और सोच समझ हम चाहते नहीं ।
अदृश्य हाथ से अपने जो तू हमें देता है, वो दिखता नहीं