View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 3322 | Date: 12-Mar-19991999-03-121999-03-12हर बार दिलमें मेरे एक चाहत उठती हैSant Sri Apla Mahttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=hara-bara-dilamem-mere-eka-chahata-uthati-haiहर बार दिलमें मेरे एक चाहत उठती है,
और उसी एक चाहत को पूरी करने की तमन्ना होती है,
पर पता नहीं उस एक चाहत से जुडी कितनी चाहतें होती हैं,
कहने जब बैठूँ प्रभु तुझसे, तो पता इसका चलता है।
वैसे तो हम भी अपनी चाहतों से बेखबर रहते हैं,
जानते हैं जब, तब जानकर हैरान रह जाते हैं,
कि एक चाहत में ना जाने कितनी चाहतें होती हैं,
या फिर यूँ कह लो, कि दिलमें कितनी मुसीबतें होती हैं,
कैसे पाये आराम दिल हमारा, कि इतनी चाहतें होती हैं ,
कहाँ से करें शुरु, कि ये मुश्किल हमे बहुत बार होती है ।
हर बार दिलमें मेरे एक चाहत उठती है