View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 2545 | Date: 04-Aug-19981998-08-041998-08-04इन्सानियत ही, इन्सान को इन्सान के करीब लाती है।Sant Sri Apla Mahttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=insaniyata-hi-insana-ko-insana-ke-kariba-lati-haiइन्सानियत ही, इन्सान को इन्सान के करीब लाती है।
इन्सानियत ही इन्सान को इन्सान से प्यार करना सीखाती है।
हैवानियत हमारे दिल में बगावत की भावना लाती है।
भूला देती है प्यार दिल से खुदगर्जी, के रंग में डूबा देती है।
अपनाकर इन्सानियत माना बहुत दर्द झेलने पड़ते है।
पर पूर्ण सुकून और शांति हमें इन्सानियत ही देती है।
हैवानियत को अपनाकर हमारे अहंकार को खुराक ज़रूर मिलता है।
पर आखिर हमें दुःख-दर्द के सिवाय ना कुछ देती है।
फर्क है दोनों में बहुत, एक खुदाई की राहपर हमें ले जाती है,
तो दूजी राहें खुदाई को हमेशा के लिए भूला देती है।
इन्सानियत ही, इन्सान को इन्सान के करीब लाती है।