View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 4106 | Date: 25-Apr-20012001-04-252001-04-25खुदा तेरी इनायत तो बरसती है सरेआम, कि भीगना उसमें अभी बाकी हैSant Sri Apla Mahttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=khuda-teri-inayata-to-barasati-hai-sareama-ki-bhigana-usamem-abhi-bakiखुदा तेरी इनायत तो बरसती है सरेआम, कि भीगना उसमें अभी बाकी है,
कैसे कहूँ जो है, पास मेरे लिये वो काफी है, कि बहुत कुछ अभी बाकी है ।
समझनेवाले ने समझा दिया है सबकुछ, समझ को समझाना अभी बाकी है,
कि खुद को समझना अभी बाकी है, खुद को समझना अभी बाकी है ।
फरियादे और दर्द की दास्तानें यूँ ही जारी रहेंगी,
इन दास्तानों में से अपने आपको बाहर निकालना अभी बाकी है ।
खुदा तेरी खुदाई के नाजों अंदाज को जानना अभी बाकी है,
खुद के बनाये जाल में से खुद को निकालना आभी बाकी है ।
खुदा तेरी इनायत तो बरसती है सरेआम, कि भीगना उसमें अभी बाकी है