View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 3014 | Date: 26-Nov-19981998-11-261998-11-26कोई दुःखी अपने दुःख को आँसुओं की श्रद्धांजली दे रहा हैSant Sri Apla Mahttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=koi-duhkhi-apane-duhkha-ko-ansuom-ki-shraddhanjali-de-raha-haiकोई दुःखी अपने दुःख को आँसुओं की श्रद्धांजली दे रहा है,
कोई सुखी अपनी मस्ती पर मुस्कुरा रहा है,
के आखिर इस दुनिया में रखा ही क्या है?
कोई अपनी दौलत के नशे में चूर, मान -अपमान सब भूला है,
कोई अपनी रूप-सौंदर्य का दीदार करके खुश हो रहा है ।
जिसको देखो वह पल दो पल की खुशी में खेल रहा है,
के आखिर इस दुनिया में रखा ही क्या है?
कोई जल रही है चाहत की चिंगारी, के सबको जलाना सोच रहा है,
अगन-अगन बस चारों और, ना कुछ और है,
के क्या करे मोह लगा के इस दुनिया से, के इस दुनिया में रखा क्या है ?
कोई दुःखी अपने दुःख को आँसुओं की श्रद्धांजली दे रहा है