View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 890 | Date: 27-Jul-19941994-07-271994-07-27लाख छूपाने पर भी सामने आ जाता हैSant Sri Apla Mahttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=lakha-chhupane-para-bhi-samane-a-jata-haiलाख छूपाने पर भी सामने आ जाता है,
दिल में छिपी हुई यादो का जीकर, कभी ना कभी होठ़ों पर आ जाता है।
कभी हँसते-हँसते तो कभी रोते-रोते, ये तो हो जाता हैं,
ना कहने वाली बात भी कभी होठ़ों से निकल जाती हैं।
छिपी हुई वह बात भेद सारे खोल जाती हैं,
दुःख भरी और सुख भरी परिस्थिति का अहसास वह कराती हैं।
दुनिया में कभी वह बदनाम, तो कभी नाम दे जाती हैं,
ज़िंदगी के रंग को पल में बदलाव नया वह दे जाती हैं।
कभी बिगड़ी हुई परिस्थिति को सुधारकर जाती हैं,
तो कभी बना-बनाया खेल बिगाड़ वह जाती हैं।
लाख छूपाने पर भी सामने आ जाता है