View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 1804 | Date: 08-Oct-19961996-10-081996-10-08प्रेमी तो सबको भूलकर अपने प्रेम में ही खोए रहते है।Sant Sri Apla Mahttps://www.mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=premi-to-sabako-bhulakara-apane-prema-mem-hi-khoe-rahate-haiप्रेमी तो सबको भूलकर अपने प्रेम में ही खोए रहते है।
अपने प्यार कि मस्ती में ही वह तो जिए जाते है।
भक्त तो सबकुछ भूलकर अपनी भक्ति में खोए रहते है,
अपने प्रभु को याद करके, उसकी याद में ही वह खोए रहते है।
अपनी मंजिलें मस्ती में वह तो सदा झूमते ही रहते है,
पाना है जिसे जो, उसे पाने के लिए, उसमें डूब जाना पड़ता है।
डूबता है जो पुरा, अपनी खोज वह जरूर पूरी करता है,
पा ही लेता है वह जो उसे पाना होता है।
है बात एकाग्रता की, मन की एकाग्रता से ही, हम सब पा सकते है,
अपने प्रेम भक्ति लगन में हम स्थिर रह पाते है|
प्रेमी तो सबको भूलकर अपने प्रेम में ही खोए रहते है।